A Simple Key For hindi poetry Unveiled
छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली रहे फेरता अविरत गति से मधु के प्यालों की माला' आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना भरता
छक जिसको मतवाली कोयल कूक रही डाली डाली रहे फेरता अविरत गति से मधु के प्यालों की माला' आने वाले नए विश्व में तुम भी कुछ करके दिखाना भरता